Monday, September 8, 2025
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13 महिलाओं को तीलू रौतेली और 33 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को उत्कृष्ट सेवा कार्य सम्मान

गुरुवार को  सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में आयोजित राज्य स्त्री शक्ति, तीलू रौतेली और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली 13 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार और 33 आंगनवाड़ी कार्यकर्तात्रियों को उनके उत्कृष्ट सेवा कार्य के लिए सम्मानित किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीरांगना तीलू रौतेली को नमन करते हुए कहा कि, तीलू रौतेली ने महज 15 वर्ष की उम्र में अपने रण कौशल से विरोधियों को परास्त किया। जिस उम्र में बच्चे खेलना, कूदना और पढ़ना सीखतें हैं, उसी उम्र में तीलू रौतेली ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया। इसलिए वीरांगना तीलू रौतेली को उत्तराखंड की झांसी की रानी कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “नारी तू नारायणी” के मंत्र के साथ मातृशक्ति के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रहे है। संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने की बात हो या बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, उज्ज्वला योजना, लखपति दीदी योजना, केंद्र सरकार हर तरह से महिलाओं को सशक्त बना रही है, इसी तरह ट्रिपल तलाक जैसी कुप्रथा को समाप्त करके भी प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश की महिलाओं को सामाजिक तौर पर मजबूत किया है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी मातृशक्ति के कल्याण के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने जहां महिलाओं के लिए सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है। वहीं महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए देश में सर्वप्रथम “समान नागरिक संहिता” को लागू करने का ऐतिहासिक कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार “मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना” और “उद्यमिता विकास कार्यक्रम” जैसी योजनाओं के माध्यम से भी मातृशक्ति को सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है। महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रुपये तक का ब्याज-मुक्त ऋण प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार ने वर्ष 2023 से तीलू रौतेली पुरस्कार राशि 31 हजार रुपए से बढ़ाकर 51 हजार और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार धनराशि  21 हजार रुपए से बढ़ाकर 51 हजार कर दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों के शुरुआती चरण के विकास में आंगनवाड़ी केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ग्रामीण इलाकों में माता-पिता के बाद बच्चों को संस्कार और प्रारंभिक शिक्षा देने की शुरुआत आंगनवाड़ी केंद्रों से ही होती है। उनके दोनों बच्चों ने भी अपनी प्रारंभिक शिक्षा और संस्कार आंगनवाड़ी से ही प्राप्त किए हैं। इसलिए राज्य सरकार ने आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी बहनों और सहायिकाओं को सशक्त बनाने के लिए उनके मानदेय में वृद्धि की है। पहले जहां आंगनवाड़ी बहनों को 7500 रुपए का मानदेय मिलता था, उन्हें अब 9300 रुपए कर दिया गया है। इसी तरह अब मिनी आंगनवाड़ी को 4500 के बजाय 6250 और सहायिकाओं को 3550 के बजाय 5250 रुपए का मानदेय मिलता है। इसके साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सुपरवाइज़र के पद पर पदोन्नति दिए जाने का भी प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगे भी महिलाओं के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए पूरी शक्ति, निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करते रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य की महिलाओं के पास क्षमता और योग्यता की कमी नहीं है। महिला स्वयं सहायता समूहों के बनाए हाउस ऑफ हिमालयाज के उत्पाद, बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भी मात दे रहे हैं। इसलिए वो हमेशा महिला समूहों को प्रोत्साहन देने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदार की धरती से कहा था कि, 21वीं शताब्दी का तीसरा दशक, उत्तराखंड के नाम होने जा रहे हैं, इस क्रांति में महिला समूहों की अहम भूमिका होने जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे यह कार्यक्रम पहले आठ अगस्त को आयोजित होना था, लेकिन आपदा के कारण तब आयोजन संभव नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश इस समय आपदाओं से घिरा हुआ है, सरकार आपदा प्रभावितों तक हर संभव तरीके से पहुंचने का प्रयास कर रही है, इस काम में केंद्र सरकार का भी सहयोग मिल रहा है।

इस मौके पर विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने महिलाओं के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं। आगंनवाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय बढ़ाने का एतिहासिक कार्य भी धामी सरकार ने किया। आयोजन में विधायक खजान दास, सचिव चंद्रेश कुमार, निदेशक बंशीलाल राणा सहित बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं।

इन्हें मिला तीलू रौतेली पुरस्कार

अल्मोडा से मीता उपाध्याय, बागेश्वर से अलिशा मनराल,  चमोली से सुरभि, चम्पावत से अनामिका बिष्ट, देहरादून से शिवानी गुप्ता, हरिद्वार से रूमा देवी, नैनीताल से नैना, पौड़ी गढ़वाल से  रोशमा देवी,  पिथौरागढ से रेखा भट्ट, रूद्रप्रयाग से हेमा नेगी करासी, टिहरी गढवाल से साक्षी चौहान, ऊधमसिंह नगर से रेखा और उत्तरकाशी से विजयलक्ष्मी जोशी।

Ankur Singh
Ankur Singhhttps://hilllive.in
Ankur Singh is an Indian Journalist, known as the Senior journalist of Hill Live
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