रुद्रप्रयाग: अनूप भट्ट बने सेना में लेफ्टिनेंट, गढ़वाल राइफल्स में दे चुके हैं 19 साल की सेवा

रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग जिले के अनूप भट्ट सैनिक बनने के 19 साल बाद भारतीय सेना मे लेफ्टिनेंट बने हैं। देहरादून में हुई भारतीय सैन्य अकादमी ( IMA) की पासिंग आउट परेड में शामिल होकर अनूप भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनने का मुकाम हासिल कर अनूप ने अपने परिजनों का मान बढ़ाया है।

अनूप भट्ट रुद्रप्रयाग जिले के जखोली ब्लॉक के तडियाल गांव के मूल निवासी हैं। अनूप भट्ट ने इससे पहले भारतीय सेना में 19 साल तक एक सैनिक के तौर पर सेवाएं दी। बीते 14 दिसंबर को राजधानी देहरादून की भारतीय सैन्य अकादमी ( IMA) की पासिंग आउट परेड में शामिल होकर अब अनूप एक बतौर लेफ्टिनेंट के पद पर चयनित हुए हैं। अनूप भट्ट वर्ष 2005 में भारतीय सेना में सिक्स गढ़वाल राइफल्स के सैनिक के तौर पर भर्ती हुए और उन्होंने 3 साल तक राष्ट्रीय राइफल्स में सेवाएं दी। उसके बाद उन्होंने वर्ष 2011 से 2015 के बीच उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी की।

छुट्टियों के दौरान शहरों में रहकर लेते थे कोचिंग

अनूप भट्ट ने पहले सेना में एक सैनिक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की, अनूप के पिता एक शिक्षक थे जो चाहते थे कि उनका बेटा अधिकारी बने। अनूप ने कारगिल में तैनाती के दौरान अपनी पढ़ाई जारी रखी, इसके अलावा छुट्टियों में अपने परिवार के पास जाने के बजाय वे शहरों में रहकर कोचिंग लेने लगे। जिसमें उनकी पत्नी समेत उनके पूरे परिवार ने पूर्ण समर्थन किया। आखिर कार उनकी ये कड़ी मेहनत और त्याग रंग लाई, और वे अब भारतीय सेना में ऑफिसर बन गए। अनूप की अपनी माँ, पत्नी और 9 साल के बेटे तथा 5 साल की बेटी के साथ श्रीनगर गढ़वाल में रहते हैं। अनूप भट्ट की इस विशेष उपलब्धि से उनके परिजन गर्वांकित महसूस कर रहे हैं।

भारत नेपाल संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान मिली प्रेरणा

अनूप ने बताया कि उन्हें सैनिक से अधिकारी बनने की प्रेरणा वर्ष 2020 में भारत नेपाल संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान मिली. उस समय अभ्यास में कमांडिंग ऑफिसर कर्नल नितिन एम कालदाते ने उन्हें अधिकारी बनने के लिए प्रोत्साहित किया । अनूप लगातार दो बार असफल रहे लेकिन वर्ष 2023 में PCSL प्रवेश योजना के तहत उनका चयन हुआ। उसके बाद 3 महीने की कड़ी ट्रेनिंग के बाद वे सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं।

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