उत्तराखंड: बैकडोर से भर्ती कर्मचारी बर्खास्त, पर खाली नहीं किये सरकारी आवास.. अब होगी कार्रवाई

देहरादून: विधानसभा में बैकडोर से भर्ती हुए और 2022 में बर्खास्त कर्मचारियों ने अब तक राज्य संपत्ति विभाग के 40 सरकारी आवासों को खाली नहीं किया है। कई बार नोटिस भेजने के बावजूद आवास खाली नहीं करने वाले इन बर्खास्त कर्मचारियों से अब जबरन सरकारी आवास खाली कराने की योजना बनाई जा रही है।

Backdoor entries Backfire: Dismissed employees to Forcibly Vacate 40 Government Houses

उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर से नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों को सरकारी भवनों से हटाने के लिए बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी। राज्य संपत्ति विभाग के 40 आवासों पर इन बर्खास्त कर्मचारियों का कब्जा है। विधानसभा द्वारा बर्खास्तगी के बाद कई नोटिस जारी किए गए, परंतु ये कर्मचारी घर खाली करने को तैयार नहीं हैं। मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने इन्हें काफी समय और अन्य आवास में जाने के मौके दिए। इसके बावजूद अब इन कर्मचारियों को जबरन हटाने की तैयारी राज्य संपत्ति विभाग कर रहा है।

क्या था पूरा मामला ?

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने सितंबर 2022 में 228 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि इनकी नियुक्ति बैक डोर से हुई थी। ये नियुक्तियां कांग्रेस के कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष रहे गोविंद सिंह कुंजवाल और भाजपा के कार्यकाल में प्रेमचंद अग्रवाल के दौरान की गई थीं। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डीएस कोटिया की अध्यक्षता में बनी तीन सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद 24 सितंबर 2022 को स्पीकर ने भर्तियों को अवैध मानते हुए बर्खास्तगी के आदेश दिए। अब ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई की मांग हो रही है जिन्होंने ये भर्तियां की थीं। मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है और नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है।

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