Wednesday, October 15, 2025
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शिक्षा व्यवस्था में बदलाव का वाहक बना विद्या समीक्षा केन्द्र : डॉ. धन सिंह रावत

नई शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के तहत स्थापित विद्या समीक्षा केन्द्र प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव का एक सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। इस अभिनव पहल के तहत विभाग में डेटा आधारित नीतिगत निर्णय लिये जा रहे हैं, जिससे शिक्षण गुणवत्ता, उपस्थिति और संसाधनों के प्रबंधन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। विद्या समीक्षा केन्द्र से अबतक प्रदेश के 16052 विद्यालयों को जोड़ा गया है, साथ ही 46 हजार से अधिक शिक्षकों को सतत पेशेवर विकास के तहत प्रशिक्षित किया गया है।

सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी, प्रखर और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना की। जिसके फलस्वरूप् विद्यालय स्तर से महानिदेशालय स्तर तक अब निर्णय तथ्यों व वास्तविक समय के आंकड़ों के आधार पर लिये जा रहे हैं। जिससे प्रदेश की शिक्षण गुणवत्ता से लेकर उपस्थिति व भौतिक संसाधनों के प्रबंधन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

डॉ. रावत बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर के 16052 विद्यालय विद्या समीक्षा के केन्द्र से जोडे जा चुके हैं। जिसमें ऊधम सिंह नगर जनपद के 1116, नैनीताल 1345, हरिद्वार 936, देहरादून 1242, पौड़ी 1953, रूद्रप्रयाग 754, चमोली 1314, बागेश्वर 757, अल्मोड़ा 1658, चम्पावत 673, उत्तरकाशी 1025, पिथौरागढ़ 1421 तथा टिहरी गढ़वाल में 1858 विद्यालय शामिल हैं। उन्होंने बताया कि विद्या समीक्षा केन्द्र के माध्यम से इन विद्यालयों में छात्र प्रदर्शन, उपस्थिति और शिक्षक सहभागिता की रीयल टाइम निगरानी निरंतर की जा रही है। प्रदेश के 95 फीसदी विद्यालयों में ‘मेरी उपस्थिति चैटबॉट’ के जरिये वास्तविक समय पर छात्र-शिक्षकों की उपस्थितियां डिजिटल रूप में दर्ज की जा रही है। इसके अतिरिक्त 6.5 लाख छात्रों को ‘पारख उत्तराखंड’ के माध्यम से उपचारात्मक सामग्री उपलब्ध कराई गई है। डॉ. रावत ने बताया कि अब तक 57 हजार से अधिक छात्रों का निपुण मूल्यांकन और 46,323 शिक्षकों का सतत् पेशेवर विकास (सीपीडी) प्रशिक्षण ई-सृजन चैटबॉट के माध्यम से पूरा किया गया है। जिससे शिक्षकों की डिजिटल दक्षता में वृद्धि हुई है।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि विद्या समीक्षा केन्द्र के तहत 6-ए फ्रेमवर्क विकसित किया गया है। जिसके तहत उपस्थिति, मूल्यांकन, अनुकूलनशील अधिगम, प्रमाणन, प्रशासन और एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) पर आधारित मॉड्यूल विकसित किये गये हैं। जिससे विद्यालयों से डेटा संग्रहण की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बन गई है।

उन्होंने कहा कि विद्या समीक्षा केन्द्र की मदद से अब निर्णय अधिक सटीक और प्रभावी हो रहे हैं। राज्य की शिक्षा प्रणाली को डिजिटल, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में यह केन्द्र एक मील का पत्थर साबित हो रहा है। आने वाले समय में इस परियोजना के माध्यम से शिक्षक प्रशिक्षण, छात्र अधिगम और नीतिगत निर्णय प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जायेगा।

Ankur Singh
Ankur Singhhttps://hilllive.in
Ankur Singh is an Indian Journalist, known as the Senior journalist of Hill Live
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