Thursday, October 16, 2025
spot_img
spot_img
Homeउत्तराखंडबच्चों में तेजी से फैल रही हैंड, फुट, माउथ डिजीज, बच्चों में...

बच्चों में तेजी से फैल रही हैंड, फुट, माउथ डिजीज, बच्चों में बढ़ रही परेशानी

देहरादून : शहर में छोटे बच्चों के बीच हैंड, फुट, माउथ डिजीज (एचएफएमडी) तेजी से फैल रहा है। इस बीमारी के लक्षणों में बुखार, गले में दर्द, मुंह में छाले और हाथ-पैरों पर फफोले जैसे दाने शामिल हैं, जो बच्चों को खासा परेशान कर रहे हैं। बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी कॉक्ससैकी वायरस के कारण होती है और एक बच्चे से दूसरे बच्चे में आसानी से फैलती है।

अस्पतालों में बढ़ रहे मरीज

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक ने बताया कि उनकी ओपीडी में रोजाना औसतन 4-5 बच्चे एचएफएमडी के लक्षणों के साथ पहुंच रहे हैं। मुंह के छालों और हाथ-पैरों पर दानों के कारण बच्चों को तेज दर्द का सामना करना पड़ रहा है, जिससे खाने-पीने में भी दिक्कत हो रही है। डॉ. अशोक ने सलाह दी कि ऐसे बच्चों को 5-7 दिनों तक आइसोलेट करना जरूरी है ताकि संक्रमण का प्रसार रोका जा सके।

स्कूलों ने जारी किया अलर्ट

शहर के कई निजी स्कूलों ने अभिभावकों को सर्कुलर जारी कर सतर्क किया है। स्कूलों ने अपील की है कि यदि बच्चों में बुखार, छाले या दाने जैसे लक्षण दिखें, तो उन्हें स्कूल न भेजा जाए। विशेषज्ञों का कहना है कि एक संक्रमित बच्चा कई अन्य बच्चों को बीमार कर सकता है। खासकर छह साल से कम उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आसानी से आ रहे हैं, जबकि वयस्कों में इसका खतरा कम है।

मुख्य लक्षण

  • अचानक तेज बुखार

  • गले में दर्द और खाने में कठिनाई

  • मुंह के भीतर व बाहर छाले या दाने

  • हाथ-पैरों पर फफोले जैसे दाने

  • शरीर में कमजोरी और चिड़चिड़ापन

बचाव के उपाय

  • लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

  • बच्चे को कम से कम एक सप्ताह तक घर में आइसोलेट रखें।

  • बच्चों को तरल पदार्थ और फल अधिक दें ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहे।

  • बार-बार साबुन से हाथ धोएं और मास्क पहनने की आदत डालें।

  • दूषित वस्तुओं और अस्वच्छ भोजन से बचें।

कब जाएं डॉक्टर के पास?

वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ के अनुसार, यदि बच्चे को लगातार बुखार रहे, दाने या फफोले बढ़ रहे हों, या बच्चा खाना-पीना छोड़ दे, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। समय पर इलाज से यह बीमारी 6-7 दिनों में ठीक हो सकती है और जटिलताओं का खतरा नहीं रहता।

अभिभावकों से अपील

विशेषज्ञों ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें और लक्षण दिखने पर तुरंत सावधानी बरतें। इस बीमारी से बचाव ही सबसे बड़ा उपाय है।

Ankur Singh
Ankur Singhhttps://hilllive.in
Ankur Singh is an Indian Journalist, known as the Senior journalist of Hill Live
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular