रुद्रप्रयाग: करोड़ों हिन्दुओं की आस्था के केंद्र भगवान केदारनाथ धाम के कपाट खुलते ही भक्तों का ऐसा जनसैलाब उमड़ा है जो थमने का नाम नहीं ले रहा। 10 मई को कपाट खुल गए थे और अभी दो महीने भी पूरे नहीं हुए हैं और अब तक 9.50 लाख तीर्थयात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं, जो कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है।
उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में देश-विदेश से लाखों लोग दर्शन करने पहुँच रहे हैं लेकिन केदारनाथ धाम यात्रा इस बार इतिहास रचने वाला है। यात्रियों की बढ़ती संख्या से पर्यटन व तीर्थाटन को बढ़ावा मिल रहा है साथ ही बदरी-केदार मंदिर समिति की आय में भी काफी इजाफा हो रहा है। केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं को उत्कृष्ट व्यवस्थाओं के बीच बाबा केदार के दर्शन का सौभाग्य मिल रहा है। पिछले वर्ष इस समय तक 6.50 लाख श्रद्धालु ही बाबा केदार के दर्शन करने पहुंचे थे जबकि इस वर्ष 9.50 लाख श्रद्धालुओं ने अभी तक दर्शन करके एक नया रिकॉर्ड कायम किया है।
पशुओं का रखा जा रहा है विशेष ध्यान
सबसे अच्छी बात तो यह है कि इस बार पशुओं के मौत के आंकड़ों में कमी आई है क्यूंकि यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं के साथ-साथ घोड़े-खच्चरों पर भी निगरानी की जा रही है और पशु क्रूरता को रोका जा रहा है। पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर 11 करोड़ रुपये की लागत से चार स्थानों पर टिनशेड का निर्माण किया गया है। पहले पैदल यात्रा मार्ग पर पशुओं के आराम करने के लिए कोई स्थान नहीं था, लेकिन अब इन टिनशेडों के निर्माण से उन्हें आराम मिल रहा है। यात्रा मार्ग पर चलने वाले पशुओं को टिटनेस के इंजेक्शन लगाए गए हैं, जिससे घोड़े-खच्चरों की मौत में भी कमी आई है। पशुओं पर टैग लगाए गए हैं और 6 स्कैनर अधिकारियों को दिए गए हैं, जिससे रजिस्टर्ड घोड़ों की पहचान हो रही है और इस बार अभी तक पशुओं की मृत्यु दर में पचास प्रतिशत की कमी आई है।