देहरादून: इस योजना का सही क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए नई आवास नीति की आवश्यकता है। वर्तमान में इसका ड्राफ्ट तैयार किया जा चुका है और सभी शहरों में मकानों की मांग का सर्वे कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया आरंभ की जा रही है।
जल्द ही उत्तराखंड की प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के लाभ को उठाने ले लिए नई आवास नीति पेश की जाएगी। इस नीति का मसौदा लगभग तैयार हो चुका है, जिसमें योजना से जुड़ी विभिन्न शर्तों का उल्लेख किया जाएगा। हाल ही में आवास एवं शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई एक समीक्षा बैठक में इस योजना के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि शहरी विकास विभाग ने योजना की सेवा शर्तों को लेकर केंद्र सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
योजना का कार्यकाल 2029 तक रहेगा
इस योजना के तहत देश में तीन करोड़ मकानों की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से एक करोड़ मकान शहरी क्षेत्रों के लिए हैं। यह योजना 2029 तक चलेगी और लाभार्थियों को मकान आवंटित करने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। मंत्री ने बताया कि अब तक बीएलसी (बेनिफिशयरी लेड कंस्ट्रक्शन) में 36 परियोजनाओं के तहत 25,972 आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनमें से 12,144 पूर्ण हो चुके हैं। एएचपी (अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप) के तहत भी कई परियोजनाएं चल रही हैं। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए अपनी तैयारियों की जानकारी दी।